इससे यह बात सिद्व हो जाती है कि मृतक रामलीला मंच पर शराब पीये हुए हालत में गया था तो ऐसी स्थिति में थानाध्यक्ष अजय लाल साह द्वारा रपट संख्या-17 समय 21-10 बजे दिनांक 30-10-05 में किया गया उल्लेख महत्वपूर्ण हो जाता है जिसमें कहा गया है कि मृतक महेन्द्र राम शराब पीये हुए था वहॉ पर लोक अपदूषण पैदा कर रहा था और रामलीला के सदस्यों व पुलिस कर्मियों की सहायता से उसे बाहर कर दिया गया।
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इस प्रकार भवन स्वामी नैन सिंह व किरायेदार भगवान सिंह जीना के उपरोक्त प्रार्थनापत्रों के परिशीलन से यह स्पष्ट हो जाता है कि उनके द्वारा रई मोहल्ला निकट डॉनबास्को स्कूल पिथौरागढ में मुर्गीपालन का व्यवसाय कर लोक अपदूषण (न्यूसेन्स) पैदा किया जा रहा है इसलिए इस सम्बन्ध में साक्ष्य लिये जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योकि जिन तथ्यों को निगरानीकर्ता व उसके किरायेदार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है उसे साक्ष्य से सिद्व कराने की आवश्यकता नहीं थी।